Tuesday, 24 July 2018

OPPOSITE WORDS

विलोम शब्द / विपरीतार्थक शब्द 

विलोम शब्द की परिभाषा ;-किसी शब्द का उल्टा या विपरीत अर्थ देने वाले शब्दों को विलोम शब्द कहते है। 

राजा  -रंक 
गुप्त -प्रकट 
अति        - अल्प 
अमावस्या     - पूर्णिमा 
 आदि         - अंत   
अल्पायु  -दीर्घायु
 अर्थ  -अनर्थ 
अन्धकार  - प्रकाश 
आयात  - निर्यात 
अनिवार्य  - ऐच्छिक 
अतिवृस्टि  -अनावृस्टि 
इष्ट  -अनिष्ट 
आलोक  -अंधकार 
आचार  -अनाचार 
प्रत्यक्ष  -परोक्ष 
पराधीन  -स्वाधीन 
पुरातन  -नूतन 
चोर  -साधू 
भोगी  -योगी 
भूगोल  -खगोल 
भयभीत  -निर्भय 
आय  -व्यय 
अवनि  -अम्बर 
आस्तिक  -नास्तिक 
प्राचीन  -आधुनिक 
अनाथ  -सनाथ 
अल्प   -अधिक 
आदर  -निरादर 
अंत  -अनंत 
अर्पण  -ग्रहण 
आकाश  -पाताल 
अमृत  -विष 
आवाहन  -विसर्जन 
अग्रज  -अनुज 
आशा -निराशा 
अँधेरा  -उजाला 
अच्छा  -बुरा 
पापी  -धर्मी 
जवानी  -बुढ़ापा 
अपराध  -निरपराध
 मर  -अमर 
मनुष्यता  -पशुता 
मोक्ष  -बंधन 
भौतिक  -आध्यात्मिक 
महान  -तुच्छ 
मंगल  -अमंगल 
मधुर  -कटु 
अपेक्षा  -उपेक्षा 
भिक्षु  -दानी 
भारी  -हल्का 
मृदुल  -कठोर 
यश  -अपयश 
मान  -अपमान 
मित्र  -शत्रु 
बंधन  -मुक्ति 
गणतंत्र  -राजतन्त्र 
सही - गलत 
गर्मी  -सर्दी 
खरीद  -विक्री 
क्रूर  -दयालु 
कुटिल  -सरल 
औपचारिक  -अनौपचारिक 
थोड़ा  -बहुत 
जेय  -अजेय 
छूत  -अछूत 
चल  -अचल 
घृणा  -प्रेम 
गुरु  -शिष्य 
चंचल  -गंभीर 
घातक  -रक्षक 
गृहस्थ  -सन्यासी 
कीर्ति  -अपकीर्ति 
कड़ा  -मुलायम 
ऊँच  -नीच 
दिन  -रात 
गुण  -अवगुण 
घर  -बेघर 
जन्म  -मृत्यु 
पंडित  -मूर्ख 
विघ्न  -निर्विघ्न 
आहार  -निराहार 
एक -अनेक 
आस्था  -अनास्था 
न्याय  -अन्याय 
नर  -नारी 
धनवान  -निर्धन 
पूरा -अधूरा 
प्राचीन  -नवीन 
धूप  -छाया
 उत्तर  -दक्षिण 
निरक्षर  -साक्षर 
उपचार -अपचार 
कल्पना  -यथार्थ 
कंचन  -माटी 

Monday, 23 July 2018

SYNONIMS

पर्यायवाची  शब्द 

अर्थ : किसी शब्द विशेष के लिए समानार्थक शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते है। 

   अग्नि - आग ,अनल ,पावक ,वायुसंख ,दहन ,ज्वाला। 
अमृत - सुधा ,पियूष ,सोम ,अमी ,अमीय। 
असुर - राक्षस ,दानव ,निशाचर ,दैत्य ,रजनीचर। 
वन - अरण्य ,जंगल ,विपिन ,कानन ,निविड़ ,कान्तार। 
अंग - देह ,शरीर ,तन ,काया। 
अनुपम - अपूर्व ,अनोखा ,अभूतपूर्व ,अद्भुत ,अनूठा। 
आत्मा - चैतन्य ,जीव ,देव। 
आश्रम -मठ ,विहार ,कुटी ,संघ। 
अर्थ - सम्पदा ,संपत्ति ,धन ,द्रव्य ,मुद्रा ,वित्त ,लक्ष्मी। 
आम - आम्र ,रसाल ,सहकार ,पिकबंधु ,अमृतफल। 
अर्जुन - पार्थ ,धनुर्धर ,  धनंजय ,कौन्तेय , गांडीवधारी।
अपमान - अप्रतिष्ठा ,अवमानना ,अनादर ,अवहेलना ,तिरस्कार ,निरादर ,बेइज्जती।
आज्ञा -निर्देश ,आदेश ,आज्ञप्ति ,अनुमति।
अजेय - अपराजय ,अपराजित ,अदम्य।
अतिथि - अभ्यागत ,आगंतुक ,पाहुन ,मेहमान ,गृहागत।
अहंकार - दंभ, घमंड, दर्प ,अभिमान ,मद ,अहं ,गर्व।
अन्य - भिन्न ,पर ,पृथक ,द्वितीय।
अन्धकार - अँधेरा ,निशा ,रात ,तमिस्त्र ,तिमिर।
 आभूषण -  गहना ,अलंकार ,भूषण ,जेवर ,आभरण।
अच्छा - शुभ ,उपयुक्त ,उचित ,उत्तम ,श्रेष्ठ ,बढ़िया।
अन्न - अनाज ,शस्य ,धान्य, गेहूं।
दुस्ट - दुर्जन ,कुटिल ,धूर्त ,वंचक ,नीच।
दास - नौकर ,चाकर ,सेवक ,अनुचर।
दीन - गरीब ,निर्धन ,धनहीन ,बेसहारा ,नि:सहाय।
धरती - धरित्री ,धरणी ,पृथ्वी ,भूमि।
धनुष - कमान ,चाप ,शरासन ,धनु ,कोदंड।
नदी - सरिता ,तरंगिनी ,तटिनी ,नद।
नमस्कार - नमस्ते ,प्रणाम ,अभिवादन ,नम ,प्रणति।
नरक - दुर्गति ,यमलोक ,यमपुर।
नारी -महिला ,औरत ,अबला ,स्त्री ,कांता ,दारा।
पक्षी - खग ,पखेरू ,विहग ,पंछी।
पुत्र - सुत ,तनय ,आत्मज ,नंदन ,बेटा ,पूत।
पुत्री - सुता , तनया ,आत्मजा ,दुहिता ,बेटी।
नाव - नौका ,जलयान ,डोंगी ,तरणी।
नाश - विनाश ,ध्वंस ,प्रलय।
ब्रह्मा - चतुरानन ,विधि ,विरंचि।
बिजली - दामिनी ,चपला ,चंचला ,विद्युत।
बालक - लड़का, शावक ,शिशु ,अभ्रक।
बन्दर - वानर, मर्कट ,कपि ,शाखामृग।
पुरुष - नर ,आदमी ,मनुज ,मर्द।
पाप - अधर्म ,अध ,दुष्कर्म।
पेड़ - पादप ,पौधा ,विटप ,वृक्ष ,द्रुम।
पुष्प - कुसुम ,सुमन ,प्रसून ,फूल।
पार्वती -गौरी ,गिरिजा ,शिवानी ,भवानी, उमा।
पंडित -विद्धान ,बुद्धिमान ,ज्ञानी ,विज्ञ ,सुधी।
पति - स्वामी ,भर्ता ,अधिपति ,बालम ,भरतार।
पत्नी - भार्या ,अर्धांगिनी ,ग्रहणी ,स्त्री।
पवन - हवा ,अनिल ,वायु ,समीर ,मारुत।
पहाड़ - पर्वत ,गिरि ,नग ,शैल ,अचर ,भूधर।
प्रकाश - उजाला ,ज्योति ,चमक ,प्रभा ,दीप्ति ,रोशनी।
भ्राता - भैया ,भाई ,बंधु ,सहोदर।
मित्र -साथी ,सहचर ,संगी।
मूर्ख - जड़ ,अज्ञ ,मूढ़ ,अबोध।
बादल - मेघ ,जलद ,घन ,पयोद ,पयोधर।
मौत - निधन ,मृत्यु ,देहांत ,देहपात।
मोर - मयूर ,नीलकंठ ,केकी ,शिखी।
मदिरा - सूरा ,शराब ,वारुणी।
माता - अम्बा ,जननी ,माँ ,धात्री ,मातृ।
राजा - भूपति ,नृप ,अधिपति ,नरेश।
रजनी - रात ,निशा ,त्रियामा ,यामिनी।
राक्षस - असुर ,दानव ,दैत्य ,निशाचर।
इंद्र - वक्र ,देवेंद्र ,सुरेंद्र ,देवराज ,महेंद्र ,सुरपति।
ऋषि - मुनि ,संत ,साधू ,वैरागी ,सन्यासी।
जल - तोय ,पानी ,सलिल ,नीर ,अम्बु, पय।


Friday, 6 July 2018

4. EASY TIPS FOR GROW YOUR MOTIVATION

सेल्फ मोटिवेशन 


हेलो दोस्तों ,



                 सेल्फ मोटिवेशन वह प्रक्रिया है जो हमें कुछ कर दिखाने की प्रेरणा देती है यह नौकरी में सफलता दिलाने के साथ -साथ पढ़ाई में अच्छे अंक , डांस सीखने से लेकर कुछ कर दिखाने तक या उससे भी कहीं आगे तक होती है। तो आइये जानते है कि हम अपना सेल्फ मोटिवेशन कैसे बढ़ाये ;



1 .  हममें से हर कोई society में ही रहते है। और हमारा अपना परिवार भी होता है। इस सब के बावजूद हमें अपने लिए जो करना होता है वो स्वयं ही करना होता है। हम हमारे बारे में जो भी सोचते है वह हमारे लिए सबसे अच्छा होना चाहिए। हम स्वयं के बारे में जितना अच्छा सोच सकते है उतना अच्छा कोई दूसरा नहीं सोच सकता है। हमारी खुशियों को  हमें ही चुनना होता है अगर आप ऐसा नहीं कर पाते है तो आपके लिए दूसरों को ही सोचना पड़ेगा ,और कोई दूसरा आपके बारे मेंकितना अच्छा सोच सकता है वो तो आप जानते ही होंगे।  इसलिए स्वयं के लिए निर्णय आप खुद ही लें। 



2 .  जब आप अपने कार्य को मन लगाकर कर रहे होते है तो आपके आस -पास के लोग आपको देखकर प्रभावित होंगे और अपने बच्चों को आपसे प्रेरित होने को भी कहेंगे। व आपकी तरह कार्य करने के विषय में अवश्य सोचेंगे। 



3 .  जब आप अपने goal  की तरफ बढ़ेंगे तो हो सकता है कि कुछ लोग आपके रास्ते की रूकावट बने ,परन्तु आप घबरायें नहीं और आगे बढ़ाते रहें। अगर आप सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्य करेंगे। तो आपके सभी कार्य positive ही होंगे। आगे चलकर वो लोग भी आपसे कुछ न कुछ सहायता अवश्य लेंगे। बस आप आगे बढ़ते रहिये अपनी पूरी एनर्जी के साथ।




4. आप अपनी खासियत ढूंढे ,कई लोग उन दूसरे लोगो की अचीवमेंट को देखते है जो ज्यादा कामयाब है। अक्सर हम सोचते है कि हमउनके जितना अच्छा कर पाएंगे या नहीं। और उनकी कामयाबी के नीचे दब जाते है। या तो हम उनकी नक़ल करते है या फिर उनके जैसा बनना चाहते है। आपको ऐसा नहीं करना है। आप अपने नए नियम बनाये व सफल होकर दिखाएँ। आप हमेशा कुछ न कुछ नया करे एक ही कार्य को बार -बार न रिपीट करें। हमें उम्मीद है आप सफल जरूर होंगे।




हमें उम्मीद है आपको हमारा लेख पसंद आया होगा। आपका धन्यबाद।